Prateek Singh

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भाईसाहब मुझे पसंद करते थे, मुझे देख मुसकराकर बोले कि महाबली भीम हो या दुर्योधन, कंस हो या दस हजार हाथियों की ताकतवाला दु:शासन, यहाँ तक कि हनुमानजी को भी मैंने धराशायी होते देखा है, किंतु यह गंधी पेड़ है कि गिरता ही नहीं। पिछले कई सालों से लगातार इसपर चोट की जा रही है। इसे काटा गया, पीटा गया, यहाँ तक कि जलाकर राख भी कर दिया गया, लेकिन यह खत्म होने की जगह और लहलहाने लगा।
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
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