लगा कि कोई कह रहा है, जो नीति से प्राप्त हो, वह लक्ष्मी है, जो अनीति से मिले, वह अलक्ष्मी है, व जिसे नीति और प्रीति से अर्जित किया जाए, वह महालक्ष्मी है। तुम महालक्ष्मी की उपासना करो, शुभम् भवतु। मैंने अचकचाकर देखा तो गर्भगृह में प्रतिष्ठित मायापति विष्णु एकटक मुझे देखकर मुसकरा रहे थे।

