Prateek Singh

87%
Flag icon
अपने द्वारा अनजाने में हुई अशिष्टता के अपराध-बोध से भर गया, क्योंकि पच्चीस-पचास लोग होने के बाद भी सभी उनकी अनुपम छटा के अनुशासन से बँधे, बिल्कुल शांत सम्मोहित से बैठे थे, माहौल में सुई पटक सन्नाटा था।
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating