को जगाना नहीं, बच्चे को सुलाना कला है, इसलिए माताएँ बच्चे को सुलाने के लिए लोरी गाती हैं, उसे जगाने के लिए नहीं। सुख मीठी नींद में है गुरु, सो मेरे काम को तुम माँ की लोरी मानो, क्योंकि अच्छी नींद लेनेवाला बच्चा जब अपने आप जागता है तो वह आनंद और ऊर्जा से भरा होता है, फिर उसको अपना अभाव भी प्रभाव नजर आता