“कनवा से कनवा कहो तो तुरतई जे है रूठ, अरे धीरे-धीरे पूछ लो कि कैसे गई थी फूट?” यदि किसी व्यक्ति की एक आँख है तो उसे काणा कहने की जगह आप उसे ‘समदर्शी’ कह सकते हैं, बिना भेदभाववाला, जो सभी को एक दृष्टि से देखता है, इससे उसकी वास्तविकता भी प्रकट हो जाएगी और उसे बुरा भी नहीं लगेगा। यदि कोई अंधा है तो उसे अंधा कहने की जगह आप ‘लुप्तलोचन’ कह सकते हैं। किसी को बहरा कहने की जगह आप उसे ‘अल्पश्रुत’ कह सकते हैं, कमसुनने वाला। किसी गूँगे को आप आत्मभाषी, स्वभाषी कह सकते हैं।