Prateek Singh

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उन्होंने विचार किया कि लालरामजी के विषाद और खिन्नता से उपजे इस मौन को आमरण अनशन की तर्ज पर मृत्युपर्यंत मौन में बदलने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे वे शीघ्र ही स्वयं के लिए खुदे हुए खड्ड में प्रतिष्ठित हों।
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
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