भाईसाहब बोले, “महत्त्व इस बात का नहीं कि तुम्हारे पास काला है या सफेद, महत्त्व इस बात का है कि ऑल व्हाइट होते हुए भी यदि तुमने काले का जरा भी पक्ष लिया तो तुम भी काले कहे जाओगे और अभिशाप के भागी होगे, इसलिए भले ही तुम काला रखे रहो, किंतु अपना कंठ फाड़कर सफेद के पक्ष में सिंघनाद करो, उसकी पैरवी करो तो संसार तुम्हें सफेद मानकर सफेदी की चमकार ज्यादा देर तक जोरदार कहकर तुम्हारी जय-जय करेगा...”