क्योंकि जहाँ रामभक्त हनुमान हैं, वहाँ प्रभु श्रीराम का होना निश्चित है। श्रीराम तो अयोध्यापति हैं, इसलिए हमारा पूरा देश ही नहीं, हमारी देह भी अयोध्या है। अयोध्या अर्थात्, जहाँ युद्ध नहीं होता। अब धड़धड़ाती हुई ट्रेन में अपने गंतव्य की ओर पीठ किए हुए मैं निश्चिंत होकर बढ़ रहा था।