Prateek Singh

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काय से दुनिया में हर चीज का उपचार है, मनो गर्राहट और ग्लानि का कोई उपचार नई है। तुम हमाय पीछे और हम तुमाए पीछे चलबो सीख लें, तो मायावी से अबढारे (अपने आप) मायापति कहलाने लगेंगे। गोल दुनिया बनाकर हमने आगे-पीछे का लफड़ा ही मिटा दिया, इसलिए सुख से क्षीरसागर में लेटे हैं।
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
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