Prateek Singh

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गप्पी गुरु के जजमान यदि भ्रम से उकताकर थोड़ा विरोध करते तो गप्पी उनको भ्रम की वैज्ञानिकता का महत्त्व समझाते हुए उन्हें संतुष्ट करते कि यह भ्रम ही है, जो हमारे समस्त श्रम का कारण है, यदि मनुष्य को भ्रम न हो तो वह श्रम करना बंद कर दे। इसलिए भ्रम को ही भगवान मानो।
Maun Muskaan Ki Maar (Hindi Edition)
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