Indra  Vijay Singh

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“किसी को सन्तान की इच्छा होती ही क्यों है–मैं तो यह ही समझ नहीं पाती राजमाता।” अम्बिका धीरे-से बोली, “गर्भ में सन्तान का पोषण, प्रसव, फिर उसका पालन-पोषण, उसकी शिक्षा-दीक्षा...और फिर प्रत्येक क्षण उसके किसी अनिष्ट की आशंका...” उसने सत्यवती को देखा, “क्यों चाहते हैं लोग सन्तान? क्या सुख है उसका?”
बंधन : महासमर भाग - १
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