Indra  Vijay Singh

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राजमाता ने समझाया कि अम्बिका अभी युवती है, उसके सम्मुख एक लम्बा जीवन है, जीने के लिए। कोई तो व्याज उसे चाहिए जीने का–कोई कर्म, कोई गति-विधि, कोई आशा-अपेक्षा, कोई आस्था…कोई तो केन्द्र उसे चाहिए, जिसके चारों ओर वह कोल्हू के बैल के समान चक्कर लगा कर जीवन का समय पूरा कर सके; कुछ तो ऐसा हो, जिसके आस-पास, अपनी भीतरी ऊर्जा का जाला बुन कर, वह उसमें मकड़े के समान लटक सके।…
बंधन : महासमर भाग - १
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