Indra  Vijay Singh

53%
Flag icon
“बद्धजीव कभी सुखी नहीं हो सकता माँ!” व्यास बोले, “जब तक तुम अपने बन्धनों को पहचानोगी नहीं, उन्हें अपने दुखों का कारण नहीं मानोगी, उन्हें तोड़ने का संकल्प नहीं करोगी...तब तक भीष्म तुम्हें अपने शत्रु दिखायी पड़ेंगे।...और तुम सुखी नहीं हो सकोगी माँ!”
बंधन : महासमर भाग - १
Rate this book
Clear rating