P M

32%
Flag icon
इस घटना के बहुत बाद अर्जुन ने फिर मुझसे कहा था—‘केशव, युद्धक्षेत्र में आपने मुझे जो शिक्षा दी थी, उसे फिर सुनाइए।’ मैं असमर्थ था। मैंने अर्जुन से कहा, ‘पार्थ, वह शिक्षक नहीं रहा। वह तो उसी समय तुम्हें शिक्षा देकर चला गया था।’
प्रलय (कृष्ण की आत्मकथा-VIII)
Rate this book
Clear rating