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‘‘इसीलिए आपको कभी मृत्यु पर क्रोध नहीं करना चाहिए; क्योंकि सृष्टिकर्ता की इच्छा का परिणाम है जीवन, तो उसके दमित क्रोध का रूपांतर है मृत्यु। जीवन है तो मृत्यु होगी।’’
प्रलय (कृष्ण की आत्मकथा-VIII)
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