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आपको सारा कष्ट इसलिए है कि आप सोचते हैं कि यह सब हमने किया है, या हमारे कारण हुआ है। आप यह क्यों नहीं सोचते कि इसे तो होना ही था। हम तो निमित्त मात्र बने हैं।’’
प्रलय (कृष्ण की आत्मकथा-VIII)
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