P M

15%
Flag icon
‘‘जानते हो, कन्हैया, जीवन में सबसे बड़ा बोझ क्या है?’’ मैं चुप ही रहा। उन्होंने स्वयं उत्तर दिया—‘‘पिता के कंधे पर पुत्र का शव—और यह तो पौत्रों के शव हैं।’’
लाक्षागृह (कृष्ण की आत्मकथा -IV)
Rate this book
Clear rating