Mohit Kumar

25%
Flag icon
अगर मैं अपने बारे में कुछ भी नहीं जानता,अगर सिद्धार्थ मेरे लिए अजनबी और अज्ञात बना रहा है, तो इसका एक ही कारण है, एकमात्र कारण : मैं स्वयं से डरता था, मैं स्वयं से भाग रहा था, मैं आत्मा की खोज कर रहा था, मैं ब्रह्म की खोज कर रहा था, मैं अपने स्वत्व की चीरफाड़ कर, उसकी एक - एक परत उधेड़कर, उसके अज्ञात अन्तरंग में झाँककर तमाम परतों के मर्म को पाना चाहता था, मैं आत्मा को, जीवन को, दिव्य अंश को, अन्तिम अंश को पाना चाहता था। लेकिन इस प्रक्रिया में मैंने स्वयं को खो दिया।"
Siddharth (Hindi) (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating