क्या तुमको लगता है कि तुम्हारा नन्हा-सा बालक शायद इसलिए बच जायेगा क्योंकि तुम उसको प्रेम करते हो, क्योंकि तुम उसको दुःख और पीड़ा और मोहभंग से दूर रखना चाहोगे? लेकिन तुम उसके हित में दस बार भी मर जाओ, तब भी तुम उसकी नियति के छोटे-से भी अंश को अपने हाथ में नहीं ले सकोगे।"