Suraj

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जब वासुदेव तट पर के उस आसन से उठा, जब उसने सिद्धार्थ की आँखों में ज्ञान की दीप्ति देखी, उसने हल्के - से, अपने शांत और कोमल विधि से, अपने हाथ से उसके कन्धे को छुआ, और कहा : "मैं इसी घड़ी की प्रतीक्षा कर रहा था,
Siddharth (Hindi) (Hindi Edition)
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