Suraj

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देर तक चुप रहने के बाद सिद्धार्थ ने कहा : " दूसरी वस्तु कौन-सी, वासुदेव?" वासुदेव खड़ा हो गया। "देर हो गयी है," उसने कहा, "अब सोना चाहिए। वह दूसरी वस्तु मैं तुमको नहीं बता सकता, मेरे दोस्त। तुम उसे सीख जाओगे, या हो सकता है तुम्हें वह पहले से ही पता हो। देखो, मैं पढ़ा- -लिखा नहीं हूँ, मैं ठीक से यह भी नहीं जानता कि बोलना कैसे चाहिए, न ही मुझमें सोचने-विचारने की भी विशेष सामर्थ्य है। जो मैं कर सकता हूँ वह इतना ही है कि मैं सुन सकता हूँ, और उसमें श्रद्धा रख सकता हूँ। इसके अलावा मैंने और कुछ भी नहीं सीखा है। अगर मुझमें बोलने और सिखाने की योग्यता होती, तो मैं एक पण्डित होता, लेकिन इस रूप में तो मैं ...more
Siddharth (Hindi) (Hindi Edition)
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