हाँ, उसकी नियति विचित्र रही है! वह नीचे की ओर जा रहा था, और अब वह फिर से संसार का सामना कर रहा है, कोरा और नंगा और अज्ञानी। लेकिन वह इसको लेकर दुखी नहीं हो सका, नहीं, उल्टे उसकी स्वयं पर, इस विचित्र परिस्थिति पर, इस मूर्खतापूर्ण संसार पर तीव्रता से हँसने की इच्छा हुई।