Praveen Gupta

93%
Flag icon
न तत् परस्य सन्दध्यात् प्रतिकूं यदात्मनः। सङ्ग्रहेणैष धर्म स्यात् कामादन्यः प्रवर्तते।।71।। अगर धर्म के सार को जानना है तो वह यही है कि जो काम आपको स्वयं के लिए अच्छा न लगे, उसे दूसरे के लिए न करें। ܀܀܀
Vidur Neeti (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating