Praveen Gupta

15%
Flag icon
परं क्षिपति दोषेण वर्त्तमानः स्वयं तथा। यश्च वुक्तध्यत्यनीशानः स च मूढतमो नरः।।42।। जो अपनी गलती को दूसरे की गलती बताकर स्वयं को बुद्धिमान दरशाता है तथा तथा अक्षम होते हुए भी क्रुद्ध होता है, वह महामूर्ख कहलाता है।
Vidur Neeti (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating