Praveen Gupta

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नाग्निस्तृप्यति काष्ठानां नापगानां महोदधिः। नान्तकः सर्वभूतानां न पुंसां वामलोचना।।7।। लकडि़याँ आग को तृप्त नहीं कर सकतीं; नदियाँ समुद्र को तृप्त नहीं कर सकतीं; सभी प्राणियों की मृत्यु यम को तृप्त नहीं कर सकती तथा पुरुषों से कामी त्री की तृप्ति नहीं हो सकती। अर्थात् तृप्ति के पीछे भागना व्यर्थ है।
Vidur Neeti (Hindi Edition)
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