Praveen Gupta

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अनसूयु कृतप्रज्ञः शोभनान्याचरन् सदा। नकृच्छं् महदाप्नोति सर्वत्र च विरोचते।।66।। जो व्यक्ति किसी की निंदा नहीं करता, केवल गुणों को देखता है, वह बुद्धिमान सदैव अच्छे कार्य करके पुण्य कमाता है और सब लोग उसका सम्मान करते हैं। ܀܀܀
Vidur Neeti (Hindi Edition)
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