Praveen Gupta

55%
Flag icon
यदि सन्तं सेवति यद्यसन्तं तपस्विनं यदि वा स्तेनमेव। वासो यथा रङगवशं प्रयाति तथा स तेषां वशमभ्युपैति।।10।। कपड़े को जिस रंग में रँगा जाए, उस पर वैसा ही रंग चढ़ जाता है, इसी प्रकार सज्जन के साथ रहने पर सज्जनता, चोर के साथ रहने पर चोरी तथा तपस्वी के साथ रहने पर तपश्चर्या का रंग चढ़ जाता है।
Vidur Neeti (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating