Praveen Gupta

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न स्वप्नेन जयेन्निद्रं न कामेन जयेत् त्रियः। नेन्धनेन जयेदग्निं न पानेन सुरां जयेत्।।80।। सोकर नींद को नहीं जीता जा सकता, शारीरिक तुष्टि द्वारा त्री को नहीं जीता जा सकता, लकड़ी डालकर आग को नहीं जीता (बुझाया) जा सकता तथा शराब पीकर इसकी लत को नहीं जीता जा सकता।
Vidur Neeti (Hindi Edition)
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