Praveen Gupta

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न तथेच्छन्ति कल्याणान् परेषां वेदितुं गुणान्। यथैषा ज्ञातुमिच्छन्ति नैर्गुण्यं पापचेतसः।।47।। बुरे लोगों की रुचि दूसरों के गुणों से ज्यादा उनके दुर्गुणों के बारे में जानने में होती है।
Vidur Neeti (Hindi Edition)
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