Praveen Gupta

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यस्य कृसं् न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः। समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।।24।। जो व्यक्ति सरदी-गरमी, अमीरी-गरीबी, प्रेम-घृणा इत्यादि विषम परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होता और तटस्थ भाव से अपना राजधर्म निभाता है, वही सच्चा ज्ञानी है।
Vidur Neeti (Hindi Edition)
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