Praveen Gupta

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यस्य कृत्यं न जानन्ति मत्रं वा मत्रितं परे। कृतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते।।23।। दूसरे लोग जिसके कार्य, व्यवहार, गोपनीयता, सलाह और विचार को कार्य पूरा हो जाने के बाद ही जान पाते हैं, वही व्यक्ति ज्ञानी कहलाता है।
Vidur Neeti (Hindi Edition)
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