Vaishnav Ki Phislan (Hindi Edition)
Rate it:
Read between May 4 - May 14, 2025
25%
Flag icon
सोचना एक रोग है। जो इस रोग से मुक्त हैं और स्वस्थ हैं, वे धन्य हैं।
Vivek Srivastav liked this
44%
Flag icon
वे कहने लगे, “सुना है, आप कॉफी पीते हैं?” मैंने कहा, “हाँ, छह साल कॉफी पी। अब एकदम बन्द कर दी है।” वे बोले, “सिर्फ छह साल? मैं तीस सालों से पी रहा हूँ।” मैंने कहा, “आप मेरे परदादा हुए। प्रणाम करता हूँ। आशीर्वाद दीजिए कि आपके-सरीखा पुण्यवान न बनूँ।”
47%
Flag icon
मुसीबत उस आदमी की है जो विशिष्ट हुए बिना जी नहीं सकता। वह जिस क्षण अपने को विशिष्ट नहीं पाएगा, मृत्यु के निकट पहुँच जाएगा।
Vivek Srivastav liked this
56%
Flag icon
‘जूते खा गए’—अजब मुहावरा है। जूते तो मारे जाते हैं। वे खाए कैसे जाते हैं? मगर भारतवासी इतना भुखमरा है कि जूते भी खा जाता है।
69%
Flag icon
“इतने सालों से लिख रहे हो। क्या मिला? कुछ लोगों की तारीफ! बस! लिखने से ज्यादा शोहरत पिटने से मिली। इसलिए हर लेखक को साल में कम-से-कम एक बार पिटना चाहिए। तुम छह महीने में एक बार पिटो। फिर देखो कि बिना एक शब्द लिखे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के होते हो कि नहीं।