Aditya Prasad

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न मेरा मजाक होगा । गुरुर न कर शाहेशरीर का, मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा; जिन्दगी भर ब्रांडिड ब्रांडिड करने वालो, याद रखना कफ़न का कोई ब्रांड नहीं होता । मुरव्वत की एकता देखी, लोगों की जमाने में; जिन्दों को गिराने में, और मुर्दों को उठाने में । जिन्दगी में न जाने कौन सी बात आखिरी होगी, न जाने कौन सी रात आखिरी होगी; मिलते जुलते रहा करो, यारो, एक दूसरे से, न जाने कौन सी मुलाकात आखिरी होगी ।
न बैरी न कोई बेगाना: Volume 1
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