Rahul Mishra

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हम अगर प्राण नहीं ले सकते तो कोई हर्ज नहीं। लेकिन हममें प्राण देने की तो शक्ति है। और यह शक्ति बहुत बड़ी शक्ति है। प्राण लेनेवाला उस पीड़ा को सपने में भी नहीं जान पाता, जिसको प्राण देनेवाला अनुभव करता है। प्राण देनेवाला एक अनुभव लेकर मरता है, जिससे उसे सन्तोष होता है। और प्राण हरनेवाला? वह बहुत बड़ा कायर है। वह अपनी कायरता को बार-बार हत्याएँ करके छिपाता है, इसलिए चिन्ता कभी उसका साथ नहीं छोड़ती।
भूख
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