Pritish

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मेरा वेतन एक कटघरा था, जिसे तोड़ना मेरे बस में नहीं था। यह कटघरा मुझमें कमीज की तरह फिट था। और मैं अपनी पूरी ताकत से कमजोर होने की हद तक अपना वेतन पा रहा था। इस कटघरे में सुराख कर मैं सिनेमा देखता था, या स्वप्न।
नौकर की कमीज
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