Vikram Deodhar

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उस रात फ़ौजी और लखबीरा, बड़ी देर तक छत पे पड़े जागते रहे। फ़ौजी ने आसमान के तारे देखते-देखते अचानक सवाल कर दिया। ‘‘बीरे ये बता, आज़ादी है क्या ?... कहाँ से आ रही है ?... किसके लिए आ रही है ?’’
दो लोग [Do Log]
by Gulzar
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