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Kindle Notes & Highlights
इलाहाबादी मठाधीशी परंपरा के दिल्ली प्रभारी के रूप में कार्यरत थे।
खुद को इतना भी गीला न रखो कि कोई जैसा चाहे आकार दे दे। व्यक्तित्व का लचीला होना और गीला होना दोनों अलग-अलग बातें हैं मित्र।”
गाँधीजी के साथ यह अजीब विडंबना आज तक रही थी कि जिस देश ने इन्हें बापू कहा, उसी अपने देश ने इन्हें सबसे कम पढ़ा था। इनके बारे में सबसे कम जानना चाहा था।
इस देश ने जितना माक्र्स को पढ़ा, समझा और अपने में गूँथा-ठूँसा, उतना अगर गाँधीजी को पढ़ा-समझा होता तो शायद पीढ़ियों का सबक कुछ और होता।
अँग्रेजी व्यापार की भाषा है, उर्दू प्यार की भाषा है और हिंदी व्यवहार की भाषा है”।
“पता नहीं दफन होने को दो गज भी जमीन बचेगी कि नहीं, पर तू मत हारना जावेद, अब्बा का सपना पूरा करना। ये जमीन जाने दे। तुझे तो आसमान जीतना है।”
“इस सूर्य की रौशनी में जितनी भी चीजें दिखाई दे रही हैं, वो सब यूपीएससी का सलेबस है। तुम्हें इसका अध्ययन करना है तो हर वक्त आँख और कान खुले रखो। बस समझो हो गई तैयारी।”
‘जरूरी नहीं कि जो सलेक्ट हो वो करेक्ट भी हो’।
संतोष तो देश के लाखों छात्रों की तरह पुरातन विश्वविद्यालयीय अध्ययन परिपाटी का पारंपरिक छात्र था जो या तो संयोग से आईएएस बनता है, या फिर कुछ नहीं बनता
“डार्क हॉर्स मतलब, रेस में दौड़ता ऐसा घोड़ा जिस पर किसी ने भी दाँव नहीं लगाया हो, जिससे किसी ने जीतने की उम्मीद न की हो और वही घोड़ा सबको पीछे छोड़ आगे निकल जाए, तो वही ‘डार्क हॉर्स’ है मेरे दोस्त।
जिंदगी आदमी को दौड़ने के लिए कई रास्ते देती है, जरूरी नहीं है कि सब एक ही रास्ते दौड़ें। जरूरत है कि कोई एक रास्ता चुन लो और उस ट्रैक पर दौड़ पड़ो। रुको नहीं...दौड़ते रहो। क्या पता तुम किस दौड़
के डार्क हॉर्स साबित हो जाओ।