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March 31 - April 8, 2024
सिविल की तैयारी करने वाले लड़के को जब भी कोई पिता स्टेशन छोड़ने जाता तो मानिए वह पीएसएलवी छोड़ने गया हो।
‘कोचिंग एक आवश्यक बुराई है’
गाँधीजी के साथ यह अजीब विडंबना आज तक रही थी कि जिस देश ने इन्हें बापू कहा, उसी अपने देश ने इन्हें सबसे कम पढ़ा था। इनके बारे में सबसे कम जानना चाहा था। हैरी पॉटर और चेतन भगत को दिन-रात एक करके पढ़ने वाली पीढ़ी ने कभी गाँधीजी के लिए समय नहीं निकाला और गाँधीजी जैसे और भी कई व्यक्तित्वों के बारे में उनकी जानकारी केवल पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक-दूसरे से सुने किस्से-कहानियों के सहारे ही थी और उनकी सारी धारणाएँ भी इसी पर आधारित होती थीं।
मतलब कि देश के किसी भी पढ़े-लिखे युवा के लिए बेरोजगार रहते हुए भी एक रुतबे, सम्मान और संभावनाओं के साथ जीने का यह भारत में एकमात्र और अधिकतम फलदायी क्षेत्र था।
सिविल सेवा की तैयारी करने वालों से ज्यादा भयंकर आशावादी मानव संसार में और कहीं मिलना मुश्किल था।
“इस फील्ड में कोई कुछ बने-न-बने पर इतना जरूर पढ़-लिख लेता है कि आदमी बन जाता है”
“हाँ, हजारों विकल्प हैं। पर मानता कौन है! जब यहाँ आया व्यक्ति पूरी तरह फेल नहीं हो जाता तब तक वो मानता ही नहीं है कि और भी विकल्प हैं,