Pulakesh

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वन्दे बोधमयं नित्यं गुरुं शङ्कररूपिणम् ⁠। यमाश्रितो हि वक्रोऽपि चन्द्रः सर्वत्र वन्द्यते ⁠।⁠।⁠३⁠।⁠। ज्ञानमय, नित्य, शङ्कररूपी गुरुकी मैं वन्दना करता हूँ, जिनके आश्रित होनेसे ही टेढ़ा चन्द्रमा भी सर्वत्र वन्दित होता है ⁠।⁠।⁠३⁠।⁠।
Ramcharitmanas Vyakhya Sahit Tika, Code 0081, Devnagri Hindi, Gita Press Gorakhpur (Official) (Hindi Edition)
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