नाम की ज़रूरत तो मरनेवालों को होती है । गांधी भी बेनाम पैदा हुए थे और गोडसे भी । जन्म लेने के लिए आज तक किसी को नाम की ज़रूरत नहीं पड़ी है । पैदा तो केवल बच्चे होते हैं । मरते-मरते वह हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, नास्तिक, हिन्दुस्तानी, पाकिस्तानी, गोरे, काले और जाने क्या-क्या हो जाते हैं ।