Utkarsh Garg

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वह साहित्य का रसिया था । वामिक जौनपुरी, साहिर लुधियानवी, अली सरदार जाफ़री और दूसरे कवियों की कविताओं और कृश्नचन्दर, अब्बास और दूसरे कथाकारों की कहानियों ने उससे कहा कि इस आज़ादी में कोई घपला है ।
टोपी शुक्ला
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