Utkarsh Garg

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मरते वक़्त किसी को ऐसी छोटी-छोटी बातें भला कैसे याद रह सकती हैं । उस वक़्त तो मनुष्य अपने सबसे ज़्यादा खूबसूरत सपने देखता है (यह कथाकार का ख़याल है, क्योंकि वह अभी तक मरा नहीं है
टोपी शुक्ला
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