भाई हर मुसलमान के दिल में पाकिस्तान की ओर एक खिड़की खुली हुई है ।" "फिर मैं पाकिस्तान क्यों नहीं गया ?" टोपी के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था । हाँ, फिर यह इफ़्फ़न पाकिस्तान क्यों नहीं गया ? चार-साढ़े चार करोड़ मुसलमान यहाँ क्या कर रहे हैं ? मेरे पड़ोसी कबीर अहमद ने नया घर क्यों बनवाया है ?... "परन्तु मुसलमान पाकिस्तान की हॉकी टीम के जीतने की खुशी क्यों मनाते हैं ?" "यह सवाल यूँ भी किया जा सकता है कि हिन्दुस्तान की हॉकी टीम में मुसलमान क्यों नहीं होते ? क्या मुसलमान हॉकी खेलना भूल गए हैं ?" "नहीं । परन्तु इसका डर लगा रहता है कि वह पाकिस्तान से मिल जाएँगे ।" डर ! तो यह डर दोनों तरफ़ है ।
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