सुना जाता है कि पहले ज़मानों में नौजवान, मुल्क जीतने, लम्बी और कठिन यात्राएँ करने, खानदान का नाम ऊँचा करने के ख़्वाब देखा करते थे । अब वे केवल नौकरी का ख़्वाब देखते हैं । नौकरी ही हमारे युग का सबसे बड़ा ऐडवेंचर है ! आज के फ़ाहियान और इब्ने-बतूता, वासकोडिगामा और स्काट, नौकरी की खोज में लगे रहते हैं । आज के ईसा, मोहम्मद और राम की मंज़िल नौकरी है