Utkarsh Garg

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नफ़रत की दीवार पर चढ़कर पुरानी दोस्ती ने जो झाँकना शुरू किया तो दोनों उदास हो गए । पल-भर में बीते हुए दिन दोबारा गुज़रे । सारी बातें, सारी यादें, सारे नारे...दोनों ने अपनी बरसों की यात्रा फिर की और यह देखकर दोनों उदास हो गए कि घाटे में वे दोनों ही रहे । हिपोक़ेसी के जंगल में दो परछाइयों ने अपने-आपको अकेला पाया तो दोनों लिपट गईं
टोपी शुक्ला
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