Utkarsh Garg

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"हाँ-हाँ–अरगती-परगती शील होगा कुछ । यह मुई भी कोई ज़बान है कि बोलो तो ज़बान छिनाल औरत की तरह सौ-सौ बल खाए ।"
टोपी शुक्ला
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