“वो चार साल में में पाँच ब्वायफ्रेंड, तेरह भाई और और छह पक्के वाले दोस्त बनाएँगी। इन पाँच, तेरह और छह— यानी चौबीस— लड़कों के मोहोब्बत का करियर कुमार गौरव की तरह उठेगा और रोनित राय की ही तरह घुस जाएगा। ब्वायफ्रेंड, भाई और दोस्त आपस में आइडेंटिटी बदल-बदल के कन्फ्यूज हो जाएँगे कि साला वो हैं क्या आखिर? लड़की से उनका रिश्ता क्या है? भाई? दोस्त? आशिक? आदमी? पजामा? सलवार? कददू? तरोई? या घुइंया?”