वो साधारण हो जाती हैं। क्योंकि उनमें कोई रहस्य या मिस्ट्री शेष नहीं रहता। सम्मोहन नहीं रह जाता। इसीलिए बाकी बातें उतनी सुंदर हो ही नहीं सकतीं जितना कि प्यार। जिस दिन इंसान ये समझ गया उसे प्यार क्यों होता है, प्यार भी मैथ्स की थ्योरम की तरह बोरिंग हो जाएगा।”