Dharmendra Chouhan

40%
Flag icon
मुंबई वह सब कुछ थी जिसके होने की मैंने कल्पना की थी और वह सब कुछ भी थी जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मुंबई तो उस किंवदंतियों वाले हाथी की तरह है जिसका पांच नेत्रहीन आदमी वर्णन करते हैं। हर कोई उसके एक नन्हे से भाग को ही महसूस करता है और आश्वस्त हो जाता है कि उसके वर्णन वाली मुंबई ही असली मुंबई है। यह संस्कृतियों, व्यक्तित्वों, बस्तियों का एक विशाल कड़ाह है और वे सब बिना किसी प्रयास के इसमें घुलमिल जाती हैं और एक नए घालमेल का निर्माण करती हैं जो सबका स्वागत करता है। यह लगभग चमत्कारिक है।