Dharmendra Chouhan

40%
Flag icon
वे बस कामनाएं ही रहीं जो ताउम्र मुझे सताती रहेंगी और जिन्होंने मुझे एक ऐसा अहम सबक़ सिखाया था जो तब तक मेरे साथ रहेगा जब तक मैं जीवित रहूंगी और भविष्य में लोगों के साथ मेरे बर्ताव को तय करेगा--मुहब्बत की कभी बेइज़्ज़ती न करना, चाहे वह कहीं से भी आए और अपनी बोली और कामों में थोड़ा सा विनम्र, अच्छा और दयालु बनना।